लखनऊ विश्वविद्यालय की 29 अगस्त को होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा मुहर्रम के चलते रद्द कर दी गई है। अब यह परीक्षा एक सितंबर को आयोजित की जाएगी। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने आदेश जारी कर बताया कि अभ्यर्थी 19 अगस्त से अपना नया प्रवेशपत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
उन्होंने साफ किया है कि परीक्षा केवल बचे हुए परीक्षार्थियों के लिए ही है। लविवि ने पीएचडी की 492 सीट पर आवेदन मांगे थे, जिनके लिए 5,260 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। दाखिले 100 नंबर की प्रवेश परीक्षा के आधार पर होने हैं। इसमें से 70 अंक लिखित परीक्षा तथा 30 नंबर साक्षात्कार के आधार पर दिए जाएंगे।
वाणिज्य और कला संकायों की प्रवेश परीक्षा 16 और 17 मार्च को आयोजित हो चुकी है। विज्ञान, विधि, शिक्षा और ललित कला संकायों की परीक्षा का आयोजन नहीं हो सका था। इनकी परीक्षा एक सितंबर को होना तय हुआ है। लविवि प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव कद अनुसार किसी प्रकार की समस्या होने पर अभ्यर्थी 0522-4150500 और 9415583922 पर फोन करके समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
अतिथि प्रवक्ता के लिए वॉक इन इंटरव्यू 24 से
लखनऊ विश्वविद्यालय में विभिन्न विभागों में 140 पदों पर अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति की जा रही है। इन पदों की सूचना लविवि की वेबसाइट पर उपलब्ध है। वॉक इन इंटरव्यू के आधार पर इन पदों पर भर्ती की जा रही है। लविवि ने विभागाध्यक्षों की मांग के आधार पर विभिन्न विभाग में जरूरत के हिसाब से पद जारी किए हैं।
लविवि प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक विभिन्न विभागों में संचालित पाठ्यक्रमों में विभागीय स्तर पर जरूरत के हिसाब से अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति की जाती थी। इस बार लविवि ने केंद्रीकृत स्तर पर अतिथि प्रवक्ताओं की भर्ती का फैसला किया है। इसके लिये विभागों से पद की जरूरत तथा जरूरी योग्यता का ब्योरा मांगा गया था। विभागवार वॉक इन इंटरव्यू की तारीख भी विवि की वेबसाइट पर प्रकाशित कर दी गई है। इनके आधार पर उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए आ सकते हैं।
लूटा महामंत्री ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
लविवि वॉक इन इंटरव्यू के आधार पर नियुक्ति करने को भ्रष्टाचार करार दिया है। उनके अनुसार, बिना विज्ञापन जारी किए इस तरह की नियुक्ति मनमानी करने के लिए हो रही है। उन्होंने पूर्व में 280 पदों पर नियुक्त की बात आने के बावजूद सिर्फ 140 पदों पर साक्षात्कार के लिए उपलब्ध होने पर भी सवाल उठाया।
वहीं दूसरी ओर लविवि प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने इन आरोपों को पूरी तरह नकार दिया। उनका कहना है कि विवि की वेबसाइट पर विज्ञापन जारी करके अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति की जा रही है। जहां तक पद कम होने की बात है तो कोर्स के प्रदर्शन और मिलने वाली फीस के आधार पर ही पद संख्या तय की गई है। आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।